शून्य मांगा था सभी से
शून्य पर लाकर छोड़ गए
क्या शून्य बीता आधा जीवन?
क्या शून्य था मेरा वो यौवन?
शून्य थी मेरी बेबाकी
शून्य था मेरा लड़कपन
मेरा तो सच वो शून्य था
मेरा तो हर कर्म शून्य था!
पर इस शून्य का मुझे दुःख नही
मेरे सब्र का यही परिणाम है!
.मेरे कल का ये आधार है!!
जीवन का इसी में विस्तार है!
अगले हर रण में यह शून्य मेरा हथियार है!
Bahut hi Umda….👌👍
Very well written ….👏👏
Good acknowledgement of Zero…
Take it positive always as Zero is very powerful too….💐
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Dhanyawad 🙏🏻🙏🏻
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