जीवन एक संग्राम सा है मन इधर लड़ा तन उधर लड़ा मन विवश हुआ तन व्याकुल है दोनों ने संयम हार दिया तन मन के इस घमासान में जीवन परिवर्तन अधिक हुआ इस परिवर्तन की कोई आस न थी इसकी जरूरत कुछ खास न थी सुना था ,जब परिवर्तन होता है मनुष्य बहुत कुछ खोताContinue reading “परिवर्तन”