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अनमना मन
परिवर्तन
जीवन एक संग्राम सा है मन इधर लड़ा तन उधर लड़ा मन विवश हुआ तन व्याकुल है दोनों ने संयम हार दिया तन मन के इस घमासान में जीवन परिवर्तन अधिक हुआ इस परिवर्तन की कोई आस न थी इसकी जरूरत कुछ खास न थी सुना था ,जब परिवर्तन होता है मनुष्य बहुत कुछ खोताContinue reading “परिवर्तन”
तृष्णा
मैं और माँ
मेरे मौन को समझता कौनमेरे निशब्द आत्मा में शब्द डालता कौनमेरी झुंझलाहट मेरी बेरुखी झेलता कौनमेरी माँ ही थी और कौनमन आए तो हाल बताना नहीं तो यूँही टालनाकभी कमजोर पड़ कर सब जतानाकभी शेर की तरह उनसे ही दहाड़नामेरे सारे ऐब छुपाकर, मुझे प्यार करता कौनमेरी माँ ही थी और कौन !मेरे सारे मरेContinue reading “मैं और माँ”
मशवरा
अब इश्क ना होगा हमसेकुछ और बतलाकर देख लोमेरे इस घायल जुनून काकुछ और इलाज ढूंढ लोबंद करो इन किस्से कोमेरी किवाड़ मूंद दोखुश हूं अब इस हिस्से में अपने हिस्से का सुकू देख लोमान ली हार मैने छोड़ दिया मैदान मैनेंअब अपने मुख्तलिफ मुसाफिर ढूँढ लोअब ना होगा इश्क इसे बेशक दफा करोमुझे कहींContinue reading “मशवरा”
महत्वाकांक्षा
खामोशियो को मैंने सिमटते देखा हैइन ख्वाहिशों को चहकते देखा हैमैंने हर मौसम को बदलते , फिरखुद को संभलते देखा है!सच्चे, झूठे, अपने पराये सबको रंग बदलते देखा हैउस दौर से गुजरे है जनाब जहांख़ुद को औरो का, औरों को गैरो का होते देखा हैमुझे मत दो दिलासे, मुझे मत दो तस्सलियाना दो साथ होनेContinue reading “महत्वाकांक्षा”
शून्य
शून्य मांगा था सभी सेशून्य पर लाकर छोड़ गएक्या शून्य बीता आधा जीवन?क्या शून्य था मेरा वो यौवन?शून्य थी मेरी बेबाकीशून्य था मेरा लड़कपनमेरा तो सच वो शून्य थामेरा तो हर कर्म शून्य था!पर इस शून्य का मुझे दुःख नहीमेरे सब्र का यही परिणाम है!.मेरे कल का ये आधार है!!जीवन का इसी में विस्तार है!अगलेContinue reading “शून्य”
अतृप्त मन
पागलों की इस शहर में मैं एक इनसान हूँसब दुखो से सब सुखो से मै बहुत अन्जान हूँउस चीख में मै दब गई उस भीड़ में मै खो गईये राह कैसी लोग कैसे बस दुखों का अंबार हैना राग हैं ना रोशनी अतृप्त मन का वास हैये जिंदगी ना जी सकूँगी ना मैं मरना चाहतीContinue reading “अतृप्त मन”
अदायगी मुझे नफरत है तेरे होने से अब ना अफसोस होगा तुझे खोने सेएहसास ए उल्फत भी खत्म होगातेरी कुरबत का नूर भी दफ़न होगातेरे बिखरने का नजारा भी सालिम होगातू गैरों का हाकिम होगाअपनों के जहल का खादिम होगामेरा मंजिले ए अरमाँ भी यही होगातू टूटे तारे सा मजबूर होगातेरी अय्यारी तेरी फ़ितरत तुमपरContinue reading