गमज़दा

हम गलतफ़हमी के शिकार हो गए
तुम्हारे झूठे इश्क़ में बेकार हो गए

ना तू सच्चा ना तेरा रूहे इश्क़ सच्चा
तुम बेवफ़ा सरेआम हो गए
हम तो बस गलतफहमी के शिकार हो गए

गिन कर रख अपनी हसरतों के किस्से
यहाँ हम तेरे इश्क़ में बदनाम हो गए
हम तो बस गलतफहमी के शिकार हो गए

तेरी चाहतों के पैमाने ऐसे बढ़े
तेरी माशूकाओं के चर्चे आम हो गए
हम तो बस गलतफ़हमी के शिकार हो गए

जर्जे जर्जे से बढ़ कर चाहा था जिसे
आज वो किसी ग़ैर के गुलाम हो गए
हम तो बस गलत फहमी के शिकार हो गए

Published by Priyanka Priyadarshini

unpolished poet.

2 thoughts on “गमज़दा

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