अदायगी

मुझे नफरत है तेरे होने से
अब ना अफसोस होगा तुझे खोने से
एहसास ए उल्फत भी खत्म होगा
तेरी कुरबत का नूर भी दफ़न होगा
तेरे बिखरने का नजारा भी सालिम होगा
तू गैरों का हाकिम होगा
अपनों के जहल का खादिम होगा
मेरा मंजिले ए अरमाँ भी यही होगा
तू टूटे तारे सा मजबूर होगा
तेरी अय्यारी तेरी फ़ितरत तुमपर ही फ़ना होगा

Published by Priyanka Priyadarshini

unpolished poet.

4 thoughts on “

Leave a comment

Design a site like this with WordPress.com
Get started