अब इश्क ना होगा हमसे
कुछ और बतलाकर देख लो
मेरे इस घायल जुनून का
कुछ और इलाज ढूंढ लो
बंद करो इन किस्से को
मेरी किवाड़ मूंद दो
खुश हूं अब इस हिस्से में
अपने हिस्से का सुकू देख लो
मान ली हार मैने छोड़ दिया मैदान मैनें
अब अपने मुख्तलिफ मुसाफिर ढूँढ लो
अब ना होगा इश्क इसे बेशक दफा करो
मुझे कहीं और आज़मा कर देख लो!!
प्रियाशा
Wah Wah kya baat h….😍😍
Ye ishq ni asaan bs Itna samjh lijiye
Aag ka dariya h or doob ke jana h…😍
Bahut ki Khoobsurat likha h 👌👍
Keep up the good work 👍
LikeLike
Thank you ❤️
LikeLike